I started blogging on Megh Bhagat on June 10, 2010 and then wrote first post on MEGHnet on July 3, 2010. Nirat was started on August 30, 2010. Then few more blogs I created and deleted. Blogging is an addiction that increases with a variety of subjects. Creating a blog for the categorization of subjects is good and many famous Bloggers of the world have taken the same route. Hindi Blogging also could not remain unaffected.
Meanwhile, I noticed that my blog Beyond Spiritualism was read by people abroad. For Dr. Dhian Singh's thesis on Kabirpanthis I created a separate blog. Then came few readers with a big bang and with high speed writing. I had to create discussion pages (blogs) for them and also make a discussion group which has a growing membership now.
But the overall experience is that, in a way, it all got scattered.
Now I have thought to bring articles from other blogs to MEGHnet and future posts will be on MEGHnet only. This will bring variety of topics to MEGHnet and fresh air as well.......
You too will like it..........
मैंने 10 जून 2010 को Megh Bhagat पर ब्लॉगिंग शुरू की थी और 03 जुलाई 2010 को MEGHnet पर पहली पोस्ट डाली. 30 अगस्त 2010 को ‘निरत’ लिखना शुरू किया. उसके बाद कुछ ब्लॉग बनाए और मिटाए. ब्लॉगिंग एक नशा है जिसे विषयों की विविधता और बढ़ाती रहती है. विषयों के श्रेणीकरण के लिए अधिक ब्लॉग बनाना अच्छा है. विश्वप्रसिद्ध कई बलॉगरों ने यही रास्ता अपनाया है. हिंदी ब्लॉगिंग भी इससे अछूती नहीं है.
ब्लॉग Beyond Spiritualism को विदेशों में देखा गया. डॉ. ध्यान सिंह के कबीरपंथियों पर लिखे शोधग्रंथ के लिए मैंने एक अलग ब्लॉग बना दिया. कुछ पाठकों की रफ़्तार बहुत तेज़ थी उनके लिए डिस्कशन पेज (ब्लॉग) अलग बनाने पड़े. एक डिस्कशन ग्रुप भी बनाया जिसकी सदस्यता बढ़ रही है.
लेकिन कुल मिला कर अनुभव ने यह था कि यह सब काफी बिखर-सा गया था.
मुझे लगा कि अपने अन्य ब्लॉगों से आलेखों को मेघनेट पर ले आया जाए और भविष्य में केवल मेघनेट पर ही पोस्ट्स डाली जाएँ. मेघनेट को मेरे परिवार के लोग बोर ब्लॉग कहते हैं :))
परिवर्तन अच्छा ही होता है. इससे मेघनेट को विषयों की विविधता मिलेगी और तज़ा हवा भी.......आपके आने से इसे संबल मिलेगा.
परिवर्तन अच्छा ही होता है. इससे मेघनेट को विषयों की विविधता मिलेगी और तज़ा हवा भी.......आपके आने से इसे संबल मिलेगा.