संत सत्गुरु भगत मुंशीराम जी महाराज (19-12-1906 से 29-06-1998) |
ऐसे बहुत कम लोग मैंने देखे हैं जो अपना जन्म दिन मनाने की अनुमति हरग़िज़ नहीं देते. जन्म-मरण के चक्र से बाहर जाने का जिनका लक्ष्य हो वे ऐसा करेंगे. भगत मुंशीराम जी का आज (19 दिसंबर) जन्मदिन है. अपने जीवन काल में उन्होंने किसी को अनुमति नहीं दी कि कोई उनका जन्मदिन मनाए. उनका चोला छूटे 14 वर्ष हुए हैं. आज यहाँ केवल सूचना और संदर्भ के लिए लिख देना चाहता हूँ. उनके बारे में विस्तृत जानकारी के लिए एक लिंक यहाँ दिया गया है. --> भगत मुंशीराम जी महाराज
भाई अजब बना संसार
भाई अजब बना संसार।
देख देख मोहे हांसी आवे, रंग तेरे करतार ।।
पहले लड़ाते हिन्दु मुस्लिम, गाय सूर आधार।
अब लड़ाई हिन्दू सिख में, जो हैं इक परिवार ।।
हिन्दु पढ़ते गीता भागवत, सिख साहिब दरबार।
सांच समझ बिन सब ही बह गए, लोभ मोह की धार ।।
समोहं सर्व भूतेषु, यही है गीता सार।
एक नूर ते सब जग उपज्यो, सार साहिब दरबार ।।
धर्म पंथ कोई गलत नहीं है, अच्छे देत विचार।
क्योंकर बने मंदिर गुरुद्वारे, सोचो मेरे यार ।।
सांच कहूँ तो कोई न माने, झूठा जग व्यवहार।
मन रचना सभी है यारो, माया का विस्तार ।।
फकीर नमाणा मानव पंथी, कहता अर्ज़ गुज़ार।
मानवता के पंथ चलो, जो इस युग में रखवार ।।
भगत मुंशीराम जी के जन्म दिवस पर शुभकामनाएं एवं बधाईयां।
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